Sunday 8 July 2012



इस चित्र की महिला अगर आपकी बहन, बेटी, मां या पत्नी होती तो आप का कॉमेंट क्या होता...

क्या किसी मे हिम्मत है यह सब देखने के बाद कहे "गर्व से कहो हम हिंदू है"!!!

जी हा बात कड़वी है, मगर यही है असली चरित्र हिंदूवादी संगठनो का, दंगो मे यह कुत्तो की तरहा महिलाओ को ढूड़ते है, इसका बड़ा उदाहरण गुजरात दंगे मे प्रमुख निशाना महिलाए थी, आसाम मे दलित आदिवासी ईसाइयो पर हुए हमलो मे भी प्रमुख निशाना महिलाए ही थी!

ज़रा इनसे पूछो क्या कुसूर था इस आदिवासी ईसाई लड़की का जो इसे बीच सड़क पर नंगा कर दिया?क्या कुसूर था उस गर्भवती महिला का जिसको गुजरात दंगो मे पेट काटकर बच्चे को निकाला और पैरो के नीचे कुचल दिया...

आप लोगो ने रक्षासो के बारे मे सुना है??? आज आप उन्हे इस चित्र मे देख भी रहे है...क्या आपको लगता है इतनी गिरी हुई हरकत कोई इंसान कर सकता है? क्या कोई इनकी मा बहन का यह हाल करे तो क्या इन्हे अच्छा लगेगा? जिस चीज़ के बारे मे सोच भी नही सकते, तो दूसरे के साथ वोही वहशी हरकत केसे कर सकते हो...

और यह सब हो रहा हिंदू राष्ट्र के नाम पर…
इन्हे देश भर मे चल रही शाखाओ मे हिंदू राष्ट्र के सिद्धांत सिखाए जा रहे है...
इनमे से कुछ सिद्धांत नीचे दिए गए है जो महिलाओ को जनवरो के स्तर पर ले जाने के लिए है...

हिंदू राष्ट्र मे महिलाओ के संबंधित क़ानून क्या होते है...:::

- पुत्री,पत्नी,माता या कन्या,युवा,व्रुद्धा किसी भी स्वरुप में नारी स्वतंत्र नही होनी चाहिए. -मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-२ से ६ तक.

- पति पत्नी को छोड सकता हैं, सुद(गिरवी) पर रख सकता हैं, बेच सकता हैं, लेकिन स्त्री को इस प्रकार के अधिकार नही हैं. किसी भी स्थिती में, विवाह के बाद, पत्नी सदैव पत्नी ही रहती हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-९ श्लोक-४५

- ढोर, गंवार, शूद्र और नारी, ये सब ताडन के अधिकारी हैं, यानी नारी को ढोर की तरह मार सकते हैं....तुलसी दास पर भी इसका प्रभाव दिखने को मिलता हैं, वह लिखते हैं-"ढोर,चमार और नारी, ताडन के अधिकारी."
- मनुस्मुर्तिःअध्याय-८ श्लोक-२९९

- असत्य जिस तरह अपवित्र हैं, उसी भांति स्त्रियां भी अपवित्र हैं, यानी पढने का, पढाने का, वेद-मंत्र बोलने का या उपनयन का स्त्रियो को अधिकार नही हैं.- मनुस्मुर्तिःअध्याय-२ श्लोक-६६ और अध्याय-९ श्लोक-१८.

- स्त्रियां नर्कगामीनी होने के कारण वह यग्यकार्य या दैनिक अग्निहोत्र भी नही कर सकती.(इसी लिए कहा जाता है-"नारी नर्क का द्वार") - मनुस्मुर्तिःअध्याय-११ श्लोक-३६ और ३७ .

- यग्यकार्य करने वाली या वेद मंत्र बोलने वाली स्त्रियो से किसी ब्राह्मण भी ने भोजन नही लेना चाहिए, स्त्रियो ने किए हुए सभी यग्य कार्य अशुभ होने से देवो को स्वीकार्य नही हैं. - मनुस्मुर्तिःअध्याय-४ श्लोक-२०५ और २०६ .

- स्त्री एकांत का दुरुप्योग करने वाली. अध्याय-२ श्लोक-२१५.

- स्त्री संभोग के लिए उमर या कुरुपताको नही देखती. अध्याय-९ श्लोक-११४.

- स्त्री चंचल और हदयहीन,पति की ओर निष्ठारहित होती हैं. अध्याय-२ श्लोक-११५.

- केवल शैया, आभुषण और वस्त्रो को ही प्रेम करने वाली, वासनायुक्त, बेईमान, इर्षाखोर,दुराचारी हैं . अध्याय-९ श्लोक-१७.

महिलाओ के साथ गैरकानूनी संभोग करने हेतू:-
- ब्राह्मण अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो सिर पे मुंडन करे.
- क्षत्रिय अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो १००० भी दंड करे.
- वैश्य अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो उसकी सभी संपति को छीन ली जाये और १ साल के लिए कैद और बाद में देश निष्कासित.
- शूद्र अगर अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो उसकी सभी संपति को छीन ली जाये , उसका लिंग काट लिआ जाये.
- शूद्र अगर द्विज-जाती के साथ अवैधिक(गैरकानूनी) संभोग करे तो उसका एक अंग काटके उसकी हत्या कर दे.
(मनुस्मुर्ति अध्यायः८:श्लोक:३७४,३७५,३७९)



यह बात आज विज्ञान ने साबित कर दी है की जिस तरहा की आपको शिक्षा दी जाती है वेसा ही आपका चरित्र बनता है...उपर दी गई शिक्षा से यह कहने की बात नही की यह लोग अपनी मा और बहनो को किस नज़र से देखते होगे...


हमारा सभी धर्मो की बहनो से यह अपील है की आप इन वहशी दरिंदो से सावधान रहे...और नीचे दिए गए सुझाओ का पालन करे...

चेतावनी: अगर आप महिला है और कभी दंगो मे फस जाए तो जहा है वही सुरक्षित जगह देखे, किसी परिवार के साथ ठहरना उचित रहेगा, अपने घरवालो, दोस्तो और पुलिस को संपर्क करे और इनमे से किसी के साथ ही अपने घर जाए!!! महिलाए अक्सर दंगो मे अकेले घर जाने की वजह से रास्ते मे इन हिंदूवादी भेड़िए के हाथ लग जाती है, जिसका यह पूरा फ़ायदा उठाते है... कोई आपको कितना भी समझाए तो भी हिंदूवादी लोगो के साथ ना जाए नही तो यह आपका क्या हाल करेगे आप सौच भी नही सकती...

जनहित मे जारी —

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